चूड़ीदार पैजामी
आवाश्याक नाप( जरूरत
अनुसार)
ल० = 40
हिप = 42
नाप निकलना :-
आसन की ल० =1/3 x हिप +3
=1/3 x 42 +3=17
घेरे की चौ० = 1/3 x हिप
+3=1/3 x 42+3=17
ड्राफ्ट बनाना => इसमें सारे कपडे को ल० में दो तह किया जाता हैं बाद में इस कपडे को एक कोने से उठा कर सीधे वर्गाकार रूप में त्रिकोण करके रखना हैं इसके बाद बंद साइड से ऊपर की तरफ से पैजामी या सलवार की ल० बेल्ट की ल० कम करके निशान लगाना हैं इसके बाद निचे की तरफ बंद हिस्से से पौचे का निशान लगाकर 2 आगे अधिक निशान, कटाई के लिए लगाना हैं यह पौचा का नीशान लगभग 5½ होता हैं तथा 2 एक्स्ट्रा आगे को कटाई का निशान लगाना हैं ल० से निचे की तरफ जितना कपड़ा बचता हैं उस सारे कपडे की चूड़ी बनती हैं यह भी पौचा के निशान के बराबर स्ट्रैट में निशान लगाया जाता हैं! लम्बाई का निशान जहा पर लगाया जाता हैं उसमे ऊपर की तरफ 15 पर घुटने का निशान लगाया जाता हैं, यहाँ भी 2 कपडा पर एक्स्ट्रा आगे को निशान लगाया जाता हैं! अब अन्दर से खुले हिस्से की तरफ से 18 का निशान समान्य, अधिक चौ० के लिए 20 तथा कम चौ० के लिए 17 या 18 का निशान लगाकर हलकी सी गोलाई के द्वारा मिला दिया जाता हैं बाद में इसकी कटाई की जाती हैं तथा कटाई के बाद बचे हुए हिस्से को त्रिकोण करके उप्पर मिला कर रख दिया जाता हैं तथा 19 या 18 या 17 का ही पैजामी के घेरे का निशान लगाया जाता हैं निचे को आसन का निशान 10 का लगाकर हलकी सी गोलाई द्वरा मिलाया जता हैं बाद में इनको भी काट दिया जाता हैं तथा यह मयानी की तरह पैजामी से अलग जुड़ते हैं!
इसकी बेल्ट भी 8 काटी जाती
हैं यह ल० में आठ इंच होती हैं तथा चौ० में यह ½ x हिप +3 होती हैं
इसमें लगभग 2 ½ मीटर कपड़ा लग्ता है! तथा
घेरे की चौ० में जो कपड़ा कम पड़ता हैं उसका हम जोड़ लगाते हैं यह जोड़ त्रिकोनी शेप
में होता हैं!
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