बेल्ट वाली सलवार
आवश्यक नाप(जरूरत अनुसार)
ल० = 40”
हिप =36”
पौचा =14”
नाप निकलना :=>
1.
सलवार की लम्बाई =कूल ल०
+3” एक्स्ट्रा -8”बेल्ट =40+3-8 =43-8 =35”
2.
बेल्ट की चौड़ाई =लगभग 7+1
एक्स्ट्रा =8”
पाट की लम्बाई :=>(Approx=कूल लम्बाई
-4”)+8”बेल्ट
3.
आसन की लम्बाई ;=> 1/3 *
हिप +4 extra =1/3 *36 +4=12+4=16”
4.
कली की चौड़ाई =1/4 *हिप +2
=1/4 *36 +2=9+2=11“
5.
नेल्ट की लम्बाई = ½ * हिप +4 =1/2 *36+4=
18+4=22”
ड्राफ्ट बनाना :=> ऐसी
सलवार को काटते समय कपड़ा तीन हिस्सों में काटा जाता हैं पहले हिस्से में सलवार का
पट (पौचा) कटता हैं दुसरे हिस्से में सलवार की कालिया कटती हैं तथा तीसरे हिस्से
में सलवार की बेल्ट कटती हैं सलवार बनाने के लिए दो मीटर से लेकर 3 मीटर का कपड़ा लगता हैं यह
लम्बाई के एकोर्डिंग लगता हैं ! सबसे पहले कपडे का नाप लिया जाता हैं, यदी कपडा 2 ½ मीटर से कम हो या 2 ¾ मीटर से कम हो तो बिना
पौचे वाली सलवार बनाइ जा सकती हैं और अगर 2 ½ मीटर कपडे की सलवार बनानी हो तो यह सलवार भी दो
तीन तरह से बनाई जा सकती हैं ! आप सबसे पहले कपडे का नाप लो! यदी कपडे के नाप में लम्बाई पट (पौचा) + कलि की लम्बाई पट का निशान लगाने के बाद कपडे की दो तह करनी हैं + चार पॉंच इंच कपड़ा
बचता हो तो सबसे पहले पट की ल० का दो तह कपड़ा (जिसकी दो तह अर्ज की दो तह लम्बाई
में) काट लेना चाहिए 12” के कलि का निशान लगाने के बाद आगे को बचते कपडे की बेल्ट
निकाला जाता हैं!
इसमें कपडे का नाप करने पर
चार या पांच इंच का कपड़ा नही बचता है तो इसमे पूरे कपडे की दो तह की जाती हैं और
एक साईड से फोल्ड करने के बाद (चार तह में) 6 या 7 का पौचा (पट) काट लेते हैं और
चौड़ाई में बचे हुए कपडे से कलिया निकाल लिजाती हैं!
कलि की ल० की तरफ से 2½ का निशान लगाया जाता हैं तथा कलि की चौड़ाई की
विपरीत दिसा में आसन का निशान लगाया जाता हैं जो लगभग 9 या 10 होता हैं, दोनों साइड
की कलिओ में इसीतरह निशान लगाया जाता हैं!
एक नंबर की सलवार में एक साइड कलि की लम्बाई का निशान लगाया जाता हैं तथा चौ० में आगे को 2” या 2½ की कलि का निशान लगाया जाता हैं, 2 ½ के निशान को दूसरी दिसा में लगाए गए 2½ के निशान से मिलाया जाता हैं तथा कपडे को तिरछा काटा जाता हैं! दोनों 2 ½ के कपडे को एक दिशा में रखकर आशन की ल० जहा 10 या 9 आती हैं वहा पर निशान लगाकर कपडे को काटना चाहिए!
बेल्ट :=> बेल्ट की कटाई मैक्सिमम 8 की कटाई में रखी जाती हैं यह बेल्ट सिलने के बाद 6 बचनी चाहिए, बेल्ट
की चौ० हिप से कम से कम 2 ज्यादा होती हैं यदी हिप 22” हो तो 3” एक्स्ट्रा 25”
की कटाई करनी चाहिए!
नोट :=>इस सलवार को ल०
में रख्तेहूए पट की ल० तथा कलि की ल० दोनों बराबर होती हैं तथा कूल ल० में 3”
एक्स्ट्रा जोड़कर उसमे से बेल्ट की 8 की ल० कम कर दी जाती हैं !
· बिना पट (पौचा) की सलवार में कपड़ा को चार तह में रखकर बंद साइड से सलवार की ल० (बेल्ट की ल० कम करके) का निशान लगाकर आगे को चौ० में मौचे का निशान लगाया जाता हैं इसमें तैयार पौचे से 2 एक्स्ट्रा निशान लगाया जता हैं!
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