आवश्यक नाप :-
ल० =21”
छाती = 24”
तिरा = 9”
नाप निकलना
टायर की चौड़ाई =तीर / 2 => 9/2 = 4½
बड़ी इस फरक की बाड़ी का नाप भी फ़्राक की की तारह
ही होता हैं इसके सिर्फ घेरे में हिंतर होता हैं
घेरा :- घेरे की लम्बाई = कूल ल० – बाड़ी की ल०
घेरे की चौड़ाई : घेरे की चौड़ाई बाड़ी की चौड़ाई से
10” जादा होता हैं =>10/4 =2.5 =बड़ी की चौड़ाई
ड्राफ्ट बनाना : - फ्रिल फ़्राक की बड़ी को भी
बिलकूल सदा फ्राक की तारा ही कटा जाता हैं फ्रिल फ़्राक की फ्रिल को घेरे को काट कर
घेरे पार लगाया जाता हैं , फ़्राक का घेरा बाड़ी से दो तह वाले कपडे में 4 से 5 तक
जादा लगाया जाता हैं तथा सिंगल में 8 से 10 तक जादा रखाजता हैं तथा यह A शेप में बनता
है !
ऊपर कपडे को बड़ी क चौड़ाई क बराबर रखा जाता हैं तथा घेरे की ल० निचे रख कर बाद में
चौ० 10” या 8” जादा अख कर कपड़े को तिरछा कटा जाता हैं यादी हमें तीन फ्रील लगाने
हैं तो घेरे की ल० को तीन बराबर भागो में बता जाता हैं !
पहली फ्रिल :=> ऊपर वाली फ्रिल क लिए घेरे की
चौड़ाई नपेंगे तथा उस चौड़ाई से कपडा 5” से
7” चौ० में ग्यादा रखेंगे !
दूसरी फ्रिल :=> दूसरी फ्रिल में कपहैं ड़ा
नाप कर उसकी चौड़ाई से 10 से 12 कपडा जादा रखेंगे इसमें पहली फ्रिल क ख़त्म होने के
थोडा ऊपर से दूसरा फ्रिल लगाना सुरु कियाजायगा ताकि दुसरे फ्रिल का जोड़ नजर ना आए
!
तीसरी फ्रिल :=>इसके लिया तीसरे नंबर वाले
घेरे की चौड़ाई को नपेंगे तथा उस चौड़ाई से लगभग 15” से अधिक या ज्यादा कपडा अखेंगे
!
नोट :=> फ्रिल को अपनी इच्छा अनुसार रख सकते
हैं
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